Thursday 3 March 2016

प्रेरणादायक कहानियां जो जिंदगी बदल दे

हाथी – Elephant
क्या आपको पता है, जब हाथी का बच्चा छोटा होता है तो उसे पतली एंव कमजोर रस्सी से बांधा जाता है| हाथी का बच्चा छोटा एंव कमजोर होने के कारण उस रस्सी को तोड़कर भाग नहीं सकता| लेकिन जब वही हाथी का बच्चा बड़ा और शक्तिशाली हो जाता है तो भी उसे पतली एंव कमजोर रस्सी से ही बाँधा जाता है, जिसे वह आसानी से तोड़ सकता है लेकिन वह उस रस्सी को तोड़ता नहीं है और बंधा रहता है| ऐसा क्यों होता है?
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब हाथी का बच्चा छोटा होता है तो वह बार-बार रस्सी को छुड़ाकर भागने की कोशिश करता है, लेकिन वह कमजोर होने के कारण उस पतली रस्सी को तोड़ नहीं सकता और आखिरकर यह मान लेता है कि वह कभी भी उस रस्सी को तोड़ नहीं सकता| हाथी का बच्चा बड़ा हो जाने पर भी यही समझता है कि वह उस रस्सी को तोड़ नहीं सकता और वह कोशिश ही नहीं करता| इस प्रकार वह अपनी गलत मान्यता अथवा गलत धारणा (Wrong Beliefs) के कारण एक छोटी सी रस्सी से बंधा रहता है जबकि वह दुनिया के सबसे ताकतवर जानवरों में से एक है|

भौंरा Bumblebee 
दोस्तों वैज्ञानिकों के अनुसार भौंरे का शरीर बहुत भारी होता है| इसलिए विज्ञान के नियमो के अनुसार वह उड़ नहीं सकता| लेकिन भौंरे को इस बात का पता नहीं होता एंव वह यह मानता है की वह उड़ सकता है| इसलिए वह लगातार कोशिश करता जाता है और बार-बार असफल होने पर भी वह हार नहीं मानता क्योंकि वह यही सोचता है कि वह उड़ सकता है| आखिरकार भौंरा उड़ने में सफल हो ही जाता है|

आविष्कार Discovery
दोस्तों इस जीवन में नामुनकिन कुछ भी नहीं (Nothing is impossible in life), नामुनकिन शब्द मनुष्य ने ही बनाया है| जब टेलीफोन और रेडियो आदि का आविष्कार नहीं हुआ था तो दुनिया और विज्ञान यही मानते थे कि आवाज को कुछ ही समय में सैकड़ो किलोमीटर दूर पहुँचाना नामुनकिन (Impossible) है, लेकिन आज मोबाइल हमारे जीवन का हिस्सा है|
इसी तरह जब तक विमान का आविष्कार नहीं हुआ था तब तक विज्ञान जगत भी यही मानता था कि मनुष्य के लिए आकाश में उड़ना संभव नहीं लेकिन जब राइट बंधुओं ने विमान का आविष्कार किया तो यह “असंभव”, “संभव” में बदल गया (Impossible becomes Possible)|

क्रिकेट
इसी तरह क्रिकेट की बात ले लीजिये – वनडे क्रिकेट के इतने बड़े इतिहास में वर्ष 2010 तक एक भी दोहरा शतक नहीं लगा लेकिन वर्ष 2010 में सचिन तेंदुलकर के दोहरा शतक लगाने के 2-4 वर्षों में ही 4-5 और दोहरे शतक (Double Centuries) लग गए| क्या यह मात्र संयोग था? ऐसा क्यों हुआ?
ऐसा इसीलिए हुआ क्योंकि 2010 से पहले जब किसी ने दोहरा शतक नहीं लगाया था तो सभी की मानसिकता यही थी कि दोहरा शतक लगाना बहुत ही मुश्किल है| क्योंकि अभी तक इस रिकॉर्ड को किसी ने नहीं तोडा था तो यह नामुनकिन सा लगता था| लेकिन जब सचिन ने दोहरा शतक लगाया तो सभी की मानसिकता बदल गयी और यह लगने लगा कि दोहरा शतक लगाना मुश्किल है पर नामुनकिन नहीं|

इस दुनिया में नामुनकिन कुछ भी नहीं (Nothing is impossible in this world),“नामुनकिन” हमारा भ्रम या गलत मान्यता है जो आख़िरकार गलत साबित होती है|

“हम वो सब कर सकते है जो हम सोच सकते है और हम वो सब सोच सकते है जो आज तक हमने नहीं सोचा”

हम गलत धारणाएँ (Wrong Beliefs) बना लेते है और हमें इसी कारण कोई कार्य मुश्किल या असंभव लगता है|

हम आज जो भी है वह हमारी सोच का ही परिणाम है| हम जैसा सोचते है, वैसा बन जाते है – (We become, what we think)| “असंभव” या “नामुनकिन” (Impossible) हमारी सोच का ही परिणाम है

“हमारे साथ वैसा ही होता है जैसा हम मानते है और विश्वास करते है”

भौरा
भौरा विज्ञान के नियमों के अनुसार उड़ नहीं सकता लेकिन वह मानता है कि वह उड़ सकता है इसलिए वह उड़ जाता है जबकि हाथी कमजोर रस्सी को आसानी से तोड़ सकता है लेकिन वह यह मानता है कि वह उस रस्सी को तोड़ नहीं सकता, इसलिए वह रस्सी को तोड़ नहीं पाता| 

यह हम पर निर्भर करता है कि हमें हाथी की तरह अपनी ही सोच का गुलाम रहना है या भौरे की तरह स्वतंत्र| अगर हम मानते है और स्वंय पर यह विश्वास करते है कि हम कुछ भी कर सकते है तो हमारे लिए नामुमकिन कुछ भी नही !